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वह गरीब बच्चा। Original Story by Rajani ।

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एक सुबह मैं घर पर साफ सफाई कर रही थी तभी अचानक एक बच्चा आता है जो फटे पुराने कपड़ों में, बाल बिखरे हुए होते हैं। जोर-जोर से आंटी आंटी पुकारता है मैं बाहर निकल कर  पूछती हूं क्या हुआ। बच्चे ने कहा मैं बहुत दिनों से भूखा हूं ,मुझे कुछ खाने के लिए दीजिए ।मैंने उसे रोटी और सब्जी खाने को दिया वह बच्चा उसे लेकर चला गया फिर अचानक तीन-चार दिनों के बाद फिर से आया और आंटी आंटी करके बहुत जोर जोर से आवाज लगाने लगा। फिर उसने मुझे देख कर कुछ खाने को मांगा मैंने उसे कुछ खाने को दे दिया अब खाने का सामान लेकर चला गया मैंने देखा उसे मांगने की भीख मांगने की आदत लग गई थी अब वह जब तब आता और मांगता यह उसकी आदत पैसे मांगने की होने लगी।उसे  खाने के लिए कुछ  नहीं चाहिए बल्कि 10 ₹20 चाहिए। मैं उसे पैसा देने के लिए देने से इंकार कर दी और मैंने कहा कि तुम्हें कुछ खाना है तो खाना ले लो पर अब उसे खाने के लिए कुछ खाना नहीं चाहिए था बल्कि 10,20 रुपए चाहिए थे अचानक एक दिन दोपहर के समय मुझे एक औरत की चिल्लाने की आवाज जोर जोर से आने लगी मैं बाहर जाकर देखती हूं एक फटे पुराने कपड़े में एक बच्चा ए...

महायज्ञ का पुरस्कार

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महायज्ञ का पुरस्कार कहानी महायज्ञ का पुरस्कार से है। इस कहानी के निबंधकार कथाकार यशपाल जी हैं ,जो स्वतंत्र संग्राम में क्रांति सेनायहनी भी थे इनके अन्य प्रमुख बहुत सी कहानियां संग्रह है। इस कहानी की मुख्यता यह है कि एक विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद सेठ ने अपनी मानव चित कर्तव्य के मूल्य को अच्छे से निर्वाह किया है। एक धनी सेठ जो दान और पुण्य करता है परंतु समय एक सा नहीं होता किसी का भी, 1 दिन बाद गरीबी के कगार पर होता है तभी एक निर्णय लेता है अपने समय किए गए दान  पुण्य के यज्ञ को बेचने का ।उस समय यज्ञ का क्रय और विक्रय होता था।      जब यज्ञ बेचने का विचार कर घर से चार रोटी बांधकर चलता है तो उसी रास्ते में एक छटपटाता हुआ बीमार कुत्ता दिखता है उसका मन दया भाव से भर जाता है। उसे उस कुत्ते पर दया आती है और उस कुत्ते को अपनी चारों रोटी बारी-बारी से तोड़ तोड़ कर खिला देता है। कुत्ते में थोड़ी ताकत देख सेठ को बहुत अच्छा लगता है, कुत्ते की आंखों में अपने लिए कृतज्ञता उसे दिखती है। अंत में सेठ बिना खाए एक दूसरे धनीसेठ के घर पहुंचता है जो उस धनी सेठ की पत्नी जो हर...

जामुन का पेड़ Summary | Rajani

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जामुन का पेड़ - श्री कृष्ण चंद्र जी नमस्ते, जामुन का पेड़ की कहानीकार श्री कृष्ण चंद्र जी हैं जिनकी भाषा साहित्य कहानी के पात्र वेदनाओ  को बड़ी अच्छी तरह से सजीव प्रस्तुत करती हैं। इस कहानी की मुख्य पात्र है जो एक जामुन के पेड़ के नीचे दबकर अपना दम तोड़ देते हैं। एक रात जोर से तूफान आता है ,और एक जामुन का पेड़ नीचे जमीन में गिर जाता है, मगर दुर्भाग्य से उस पेड़ के नीचे एक आदमी भी दबा होता है ,यह कहानी यहीं से शुरू होती है ,उस पेड़ को हटाने की जो कोशिश होती है वह बड़ा ही हृदय विहीन वाक्यांश है। वह आदमी जो पल-पल घुट घुट कर तकलीफ इस तकलीफों से सांसे ले रहा था लोग उसकी तकलीफ दर्द को ना समझ कर उस पेड़ को हटाने के लिए चपरासी कलर सुपरिटेंडेंट सभी आते हैं फाइल पर फाइल चलती रहती है। वह आदमी जो जिंदा था तड़प तड़प सांसे ले रहा था।  उसकी फिक्र ना हो कर उस रसदार जामुन की पेड़ की चिंता हो रही थी ,लोगों का भीड़ जमा हो गया था ,पता चला कि वह शायर है, लोगों को यह जानकर खुशी हुई क्या शायर है ,उसे अकादमी का मेंबर बना दिया जाएगा मगर किसी को दया नहीं आई कि उसे बचाया जाए। उस जगह पर पहरा...

बड़े घर की बेटी - मुंशी प्रेमचंद | Rajani

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बड़े घर की बेटी - मुंशी प्रेमचंद नमस्ते, मेरा नाम रजनी है मैं मुंशी प्रेमचंद जी का एक कहानी बड़े घर की बेटी जो बहुत ही अच्छी कहानी है जिसका सारांश मैंने लिखा है और आशा करती हूं की पढ़ने में अच्छा लगेगा.। जब कभी भी अच्छी सी कहानी हम पढ़ते हैं या सुनते हैं तो वह कहानी हमारे मन में हमारे मस्तिष्क में हमेशा याद रहती है ऐसे ही एक कहानी है  मुंशी प्रेमचंद की कहानी है बड़े घर की बेटी जो हिंदी उपन्यास के सम्राट कहे जाते हैं मुंशी प्रेमचंद जी की यह कहानी काफी चर्चित है इस कहानी को मुख्य पात्र आनंदी के ऊपर है जो एक काफी धनीके घर की बेटी थी जिसकी शादी एक जमीन दारी कहे जाने के नाम पर केवल कीर्ति स्तंभ मात्र का था उस घर ब्याही गई आनंदी की है। "बड़े घर की आनंदी जी से अपने पिता के घर मैं हर सुख सुविधा उपलब्ध था"। आनंदी जो अपने मायके में पूरे ऐसो आराम के साथ रहने वाली लड़की थी जिसे ससुराल में वह कुछ भी नहीं मिला जिसकी उसे आदत थी। ठाकुर साहब के दो बेटे थे जिसमेंआनंदी की शादी बड़े लड़के से हुई थी जो बी ए करकेनौकरी करता था जिसका साधारण कद काठी था श्री कंठनाम था जो आनंदी का पति थे। दूसरा भाई ला...